आचार्य भामह एवं उनका काव्यालङ्कार डा.राकेश कुमार जैन ‘साहित्याचार्य’ संस्कृत साहित्यशास्त्र प्रणेताओं में आचार्य भामह का स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है । उनके द्वार प्रणीत काव्यालङ्कार साहित्यशास्त्र का प्रथम उपलब्ध ग्रन्थ है । जिसमें साहित्यशास्त्र एक स्वतन्त्र शास्त्र के रूप में दिखाई पडता है । इसके पूर्व भरत मुनि द्वारा विरचित नाट्यशास्त्र के नवमें अध्याय में गौणरूप से काव्य के गुण …